Day 1
Day 2
फॉरेन पॉलिसी के विभिन्न पक्षों पर हुई चर्चा
कानोड़िया पी. जी. महिला महाविद्यालय में इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में ‘चेंजिंग डायनामिक्स ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसीः चैलेंजेज एंड वे अहेड’ विषय पर 19 से 21 फरवरी, 2024 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (हाइब्रिड मोड़) में आज तीन तकनीकी सत्र हुए, प्रथम सत्र के अतंर्गत ‘डायस्पोरा एंड फॉरेन पॉलिसी’ सत्र के अध्यक्ष श्री सतीश झा, सह-संस्थापक ओएलपीसीआई (यूएसए) ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीयों ने विश्व भर में अपनी पहचान बनाई है, इसमें प्रवासी भारतीयों का अमूल्य योगदान है। डॉ. कर्मवीर सिंह, सहायक आचार्य, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर ने ऐतिहासिक संदर्भों का उल्लेख करते हुए, ‘ग्रेटर इंडियन सोसायटी’ के बारे में बताया और दक्षिण-पूर्व एशिया पर भारतीय संस्कृति के प्रभाव की जानकारी दी। डॉ. शालिनी जोशी, सहायक आचार्य, हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं मास कम्यूनिकेशन विश्वविद्यालय, जयपुर ने विदेशी समुदायों की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। युक्ति गुप्ता, सहायक आचार्य, जेईसीआरसी विश्वविद्यालय, जयपुर ने भी विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। ‘इंडियाज स्टै्रटेजी प्रेज़न्स इन इट्स एक्सटेंडेड नेबरहुड मिडिल-ईस्ट एशिया एंड साउथ-ईस्ट एशिया’ विषय आधारित सत्र के अंतर्गत अध्यक्ष प्रो. मनीष, केन्द्रीय विश्वविद्यालय गुजरात, गांधीनगर ने चीन की विदेश नीति का उल्लेख किया और कहा कि भारत के सामुद्रिक एवं सामरिक महत्व को समझ कर उसकी आर्थिक एवं राजनीतिक शक्ति को मजबूत करना होगा। प्रो. शांतेश कुमार सिंह, (सीआईपीओडी) जेएनयू, नई दिल्ली ने विषय पर वतव्य दिया और इस चर्चा में डॉ. स्वस्ति राव, एसोसिएट फेलो, यूरोप और यूरेशिया केंद्र, मनोहर पर्रिकर इंस्टीटयूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस, दिल्ली से ऑनलाइन जुड़ी। ‘फॉरेन पॉलिसी आउटरीच इन इंडियन पेनिनसुला फेसिंग द चाइनीज थ्रेट’ विषय आधारित सत्र की अध्यक्षता प्रो. इनाक्षी चतुर्वेदी, सेवानिवृत्त, राजनीति विज्ञान विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयुपर ने की। डॉ. सौरभ, सह-आचार्य, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, जवाहरलाल नेहरू, नई दिल्ली और डॉ. सुवा लाल जांगू, सहायक आचार्य, मिजोरम विश्वविद्यालय, आइजोल ने इस सत्र में फॉरेन पॉलिसी पर अपने विचार प्रस्तुत किए इनके साथ इस सत्र में प्रो. अनुपमा कौशिक, विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग, डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर एवं डॉ. मनीषा रॉय, सहायक आचार्य, गार्गी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से ऑनलाइन जुड़े। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने जानकारी दी कि कल 21 फरवरी को इस तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन होगा। समापन सत्र के अध्यक्ष केंद्रीय विश्वविद्यालय, राजस्थान के कुलपति प्रो. आनन्द भालेराव और मुख्य वक्ता अमर उजाला के सलाहकार संपादक, श्री विनोद अग्निहोत्री एवं महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय अजमेर के पूर्व कुलपति प्रो. रूप सिंह बारेठ होंगे।
Day 3
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ समापन
कानोड़िया पी. जी. महिला महाविद्यालय में इंडियन काउंसिल ऑफ वल्र्ड अफेयर्स, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘चेंजिंग डायनामिक्स ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसीः चैलेंजेज एंड वे अहेड’ 19 से 21 फरवरी, 2024, तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (हाइब्रिड मोड़) का आज समापन हुआ। समापन सत्र से पहले ‘इंटरनेशनल पीस बिल्डिंग एंड कनफ्लिक्ट रेज़लूशनः ए कन्सेप्चूअल अंडरस्टैंडिंग’ विषय पर पैनल चर्चा हुई जिसका संचालन डाॅ. दीप्तिमा शुक्ला, पूर्व विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग, कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय ने किया। इस चर्चा में प्रो. विनोद भारद्वाज, विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, सागर ने नेपाल और भारत के संबंधों पर प्रकाश डाला और कहा कि पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता है। इस सत्र में डॉ. ममता चंद्रशेखर, विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान विभाग, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से और प्रो. अनुपमा कौशिक, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, सागर से ऑनलाइन जुड़ीं और इन्होंने भारतीय विदेश नीति के तहत पड़ोसी देशों के साथ भारत के शांतिपूर्ण संबंधों पर चर्चा की। डॉ. अमिता अग्रवाल, पूर्व प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय, टोडारायसिंह ने इस विषय को समसमायिक बताया और नार्वे के प्रमुख समाजशास्त्री जोहॉन गाल्टुंग की ‘फ्लाइंग आॅरेंज’ थ्योरी साझा की और इस संदर्भ में शांति की शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। समापन सत्र के अतंर्गत प्राचार्य डाॅ. सीमा अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया और तीन दिवसीय इस आयोजन में पत्र प्रस्तुत करने वाली महाविद्यालय की छात्राओं की प्रशंसा कर उन्हें प्रोत्साहित किया साथ ही आयोजन की सार्थकता स्पष्ट की। डाॅ. प्रेरणा सिंह लवानिया, विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग ने सम्मेलन का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि प्रो. आनन्द भालेराव, कुलपति, केंद्रीय विश्वविद्यालय, किशनगढ़ राजस्थान ने आनलाइन जुड़कर अपने उद्बोधन में कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है और भारत की ‘सबका साथ सबका विकास’ नीति की सराहना की। मुख्य वक्ता श्री विनोद अग्निहोत्री, अमर उजाला, के सलाहार संपादक ने कहा कि भारतीय विदेश नीति वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य के अनुरूप सही दिशा में बढ़ रही है, हमारी ताकत को विश्व पहचान रहा है। विदेश नीति के संदर्भ में उन्होंने कहा कि किसी भी देश की विदेश नीति में देश के शिखर नेतृत्व का विज़न बहुत महत्वपूर्ण होता है। चीन, श्रीलंका, म्यांमार का उदाहरण देकर उन्होंने बताया कि कुछ चुनौतियाँ भी हंै, जिन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए। प्रो. आशा कौशिक, पूर्व डीन, राजस्थान विश्वविद्यालय ने भारत की विदेश नीति के मूलभूत आधारों की जानकारी दी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, अजमेर के पूर्व कुलपति, प्रो. रूप सिंह बारेठ ने भारत को विश्व शक्ति बताया और इसमें भारतीय नीतियों की भूमिका को रेखांकित किया। अंत में आयोजन सचिव डाॅ. पालु जोशी ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।