कानोड़िया पी जी महिला महाविद्यालय, जयपुर टीम आइडिएशन एवं टीचिंग लर्निंग सेंटर (टीएलसी) के सहयोग से “पर्सनल इज़ पॉलिटिकल” विषय पर चार दिवसीय (11-14 नवंबर, 2024) फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का आयोजन महाविद्यालय की समस्त फैकल्टी सदस्यों के लिये किया जा रहा। एफडीपी का उद्देश्य लैंगिक असमानताओं के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना है।
महाविद्यालय परिसर में कार्यक्रम की मीडिया कवरेज हेतु कैमरामैन के साथ आप दोपहर 12 बजे सादर आमंत्रित हैं।
Day 1
Faculty Development Program (FDP) to Raise Sensitivity Towards Gender Inequality
लैंगिक असमानता के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने हेतु फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी)
कानोड़िया पी. जी. महिला महाविद्यालय, जयपुर में “पर्सनल इज़ पॉलिटिकल” विषय पर 4 दिवसीय (11-14 नवंबर, 2024) फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का उद्घाटन दिनांक 11 नवंबर, 2024 को हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लैंगिक असमानता के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना था। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय विभिन्न संकायों की 111 प्राध्यापिकाओं को शामिल किया जा रहा है। यह कार्यक्रम समाज में व्यक्तिगत मुद्दों और उनकी राजनीतिक महत्ता पर ध्यान केंद्रित करना एवं समझाना कि व्यक्तिगत मुद्दे और अनुभव कैसे व्यापक राजनीतिक संदर्भों से जुड़े होते हैं। यह उन्हें सामाजिक न्याय, समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जागरूक करेगा। कार्यक्रम में विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा, समूह चर्चा और संवाद सत्रों का आयोजन किया जायेगा। इस कार्यक्रम में 111 शिक्षिकाओं को सक्रिय रूप से भाग लेने और चर्चा में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
कार्यक्रम की शुरुआत में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने अतिथि डॉ. रेणुका पामेचा (महिला अधिकार कार्यकर्ता) एवं सुश्री ममता जेटली (महिला अधिकार कार्यकर्ता) का स्वागत किया। प्राचार्य ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन न केवल महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए है, बल्कि यह उन्हें अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेगा। महाविद्यालय निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ’पर्सनल इज़ पॉलिटिकल’ एक बहुत बड़ी आवधारणा है, साथ ही कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं है, बल्कि समाज में बदलाव लाना भी है। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. प्रीति शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में डॉ. शुचि चौधरी ने ‘सेल्फ एक्सप्लेरेशन’ पर तथा द्वितीय सत्र में डॉ. स्वीटी माथुर ने ‘लिंग एवं परिवार‘ पर चर्चा की। इस मुहिम द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना, खुद को पहचाना एवं समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. मोहिता चतुर्वेदी शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
Faculty Development Program (FDP) to Raise Sensitivity Towards Gender Inequality
A four-day Faculty Development Program (FDP) on the theme “Personal is Political” commenced on November 11, 2024, at Kanoria PG Mahila Mahavidyalaya Jaipur. The objective of this program is to enhance sensitivity toward gender inequality. It involves 111 faculty members of the college. The program focuses on addressing personal issues in a societal context, helping participants understand how personal issues and experiences are linked to broader political contexts. It aims to make them more aware of social justice, equality, and democratic values. The program will feature lectures by various experts, group discussions, and dialogue sessions on various topics, encouraging all 111 participants to actively engage in discussions.
At the inaugural session, the college principal, Dr. Seema Agrawal, welcomed guest Dr. Renuka Pamecha (women’s rights activist) and Ms. Mamta Jetley (women’s rights activist). The principal emphasized that this program not only promotes women’s rights but also inspires them to raise their voices. Dr. Rashmi Chaturvedi, the college director, stated in her address that “Personal is Political” is a vast concept, adding that the purpose of education is not only to impart knowledge but also to bring about social change.
The program was moderated by Dr. Preeti Sharma. In the first session, Dr. Shuchi Choudhary discussed “Self-Exploration,” while Dr. Sweety Mathur led the second session on “Gender and Family.” This initiative aims to empower women, raise awareness of their rights, promote self-recognition, and foster positive change in society. The program concluded with a vote of thanks by Dr. Mohita Chaturvedi Sharma.
फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) “पर्सनल इज़ पॉलिटिकल“ का सफल समापन
कानोड़िया पी. जी. महिला महाविद्यालय, जयपुर में आइडिएशन समूह एवं टीचिंग लर्निंग सेंटर द्वारा स्कूल फॉर डेमोक्रेसी के संयुक्त तत्वावधान में छह दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) “पर्सनल इज़ पॉलिटिकल“ का समापन दिनांक 16 नवंबर, 2024 को सफलतापूर्वक हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य लैंगिक असमानता के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना और शिक्षिकाओं को सामाजिक न्याय, समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रीति शर्मा द्वारा किया गया। एफडीपी के दौरान विशेषज्ञों ने व्याख्यान, समूह चर्चा और संवाद सत्र आयोजित किए, जिनमें सहभागियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। विशेषज्ञ डॉ. ऋचा चतुर्वेदी, डॉ. प्रीति शर्मा, डॉ. मोहिता चतुर्वेदी शर्मा, डॉ. स्वीटी माथुर, डॉ. शुची चौधरी, रिषिता शर्मा, भव्या पुरी द्वारा दिए गए व्याख्यानों, समूह चर्चाओं और संवाद सत्रों में अपने विचार साझा किए। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने समापन समारोह में अपने संबोधन में कहा कि यह एफडीपी शिक्षण के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों की समझ विकसित करने का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि हमें अपने विचारों को सीमित नहीं रखना अपितु हमेशा नया सीखना है, इसके साथ ही आयोजनकर्ताओं की सराहना कर उन्हें प्रेरित किया।
कार्यक्रम के समापन दिवस पर मुख्य अतिथि अरुणा रॉय, सामाजिक कार्यकर्ता एवं लेखिका ने कहा कि इस प्रयास को सतत बनाए रखने के लिए सभी को प्रयास करना होगा एवं इसके लिए कोई सेक्टोरल थिंकिंग नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अपनी पुस्तक पर्सनल इज पॉलिटिकल का संदर्भ देते हुए बताया कि, गांव में स्वतंत्र विचारों वाली स्त्रियाँ होती है एवं वे कुछ आधारभूत आंदोलन की नेतृत्वकर्ता रही है। उन्होंने कहा कि इस एफडीपी ने समाज में लैंगिक समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। डॉ. रेणुका पामेचा और सुश्री ममता जेटली ने सत्र संचालन, सत्र संतुलन एवं समेकन पर सकारात्मक अंतर्दृष्टि साझा की है एवं कहा कि विश्व स्तर पर स्त्रियों की आज़ादी के विभिन्न मुद्दों से जुड़े आंदोलन के लिए सतत् प्रयास करना होगा। महाविद्यालय निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षकों को सशक्त बनाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है साथ ही दिनकर की पंक्तियों के साथ बताया कि तटस्थ होना अपराध है।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. मोहिता चतुर्वेदी शर्मा ने मुख्य अतिथि, महाविद्यालय के सभी प्रतिभागियों और विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की 111 प्राध्यापिकाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया और व्यक्तिगत अनुभवों के व्यापक सामाजिक और राजनीतिक संदर्भों को समझने की दिशा में योगदान दिया एवं शिक्षिकाओं द्वारा अपने अनुभव भी साझा किए गये।