अंग्रेजी विभाग द्वारा दिनांक 26 नवंबर, 2024 को “वॉयसस ऑफ मार्जिनलाइज्डः अंडरस्टैंडिंग माइनॉरिटी लिटरेचर“ विषय पर एक अतिथि व्याख्यान आयोजित किया गया।
कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर के अंग्रेजी विभाग द्वारा दिनांक 26 नवंबर, 2024 को “वॉयसस ऑफ मार्जिनलाइज्डः अंडरस्टैंडिंग माइनॉरिटी लिटरेचर“ विषय पर एक अतिथि व्याख्यान आयोजित किया गया। यह साहित्य उन लोगों की पीड़ा, संघर्ष और अधिकारों की बात करता है जो सदियों से सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से उपेक्षित रहे हैं। श्री नीरज बुनकर, जो इस सत्र के अतिथि थे, उनका स्वागत डॉ. प्रीति शर्मा द्वारा एक पौधा भेंट करके किया गया और स्वागत भाषण डॉ. स्वाति धनवानी ने दिया। सत्र का संचालन सुश्री ऋषिता शर्मा ने किया। श्री नीरज बुनकर जी ने सबसे पहले दलित साहित्य की उत्पत्ति और इसके विकास के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दलित साहित्य उस साहित्य को कहा जाता है जो दलित समुदाय के अनुभवों, संघर्षों और उनके अधिकारों की बात करता है। उन्होंने दलित साहित्य, उसकी उत्पत्ति, प्रासंगिकता, वर्ण व्यवस्था, समाज में भेदभाव, शोषण आदि पर अपने विचार साझा किए। सत्र की शुरुआत एक व्याख्यान से हुई और समाप्ति छात्राओं के साथ एक इंटरएक्टिव सत्र के रूप में हुई, जहाँ सभी ने विषय से संबंधित कई सवाल पूछे। लगभग 100 छात्राओं ने व्याख्यान में भाग लिया और यह छात्राओं के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रीति शर्मा द्वारा दिया गया। इस व्याख्यान ने दलित साहित्य के महत्व को लेकर एक नई दृष्टि प्रस्तुत की और यह सिद्ध किया कि यह साहित्य केवल साहित्यिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।