कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर के मनोविज्ञान विभाग द्वारा दिनांक 9 अक्टूबर, 2024 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मार्गदर्शन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आईआईसी राजस्थान के साथ साझेदारी में ’कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन’ पर एक चर्चा सत्र का आयोजन किया। सत्र में डॉ. सांवरमल स्वामी, राज्य नोडल अधिकारी (राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम), डॉ. वंदना नाँगलू, परियोजना समन्वयक टेली मानस, श्री ललित कुमार त्रिपाठी, राज्य सलाहकार (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन), डॉ. अनुराग जोशी, हैल्थ ऑफिसर, यूनिसेफ, राजस्थान, डॉ. गजानंद वर्मा, सवाई मान सिंह अस्पताल के मनोचिकित्सक उपस्थित रहे। सत्र की शुरुआत में विभाग की छात्राओं द्वारा एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गयी, जिसमें उन्होंने अवसाद के लक्षण एवं प्रभाव की जानकारी दी। सत्र का आरंभ मुख्य वक्ता डॉ. सांवरमल स्वामी और डॉ. वंदना ने पेशेवर सेटिंग में मानसिक कल्याण को बढ़ावा और तनाव को घटाने पर चर्चा की। डॉ. स्वामी ने कार्यस्थलों पर काम को प्राथमिकता देने, प्रभावी तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने तनाव को कम करने के लिए व्यावहारिक रणनीतियों पर प्रकाश डाला, जिसमें माइंडफुलनेस और स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखना शामिल है। डॉ. वंदना ने भारत में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए शीर्ष निकाय निमहंस द्वारा संचालित राष्ट्रीय पहल टेली मानस पर चर्चा की। यह पहल मानसिक स्वास्थ्य सहायता तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित करते हुए मुफ़्त 24/7 पेशेवर सहायता प्रदान करती है।
नैदानिक मनोवैज्ञानिक सुश्री सौम्या ने गहरी सांस लेने के व्यायाम का प्रदर्शन किया और बताया कि यह हमें दैनिक जीवन शैली में उपचार और आत्म नियंत्रण में कैसे मदद कर सकता है। उन्होंने जर्नलिंग की आदत, माइंडफुलनेस प्रैक्टिस और ग्राउंडिंग तकनीकों के बारे में भी बात की। इस सत्र में, अधिकारियों ने वीडियो दिखाये, जिसमें तनाव के लक्षण बताये गये और हम इसे कैसे प्रबंधित कर सकते हैं। वीडियो ने विभिन्न संगठनों में और उनके आसपास मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह आयोजित करने के महत्व को दिखाया। ये वीडियो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और यूनिसेफ की टीम द्वारा प्रायोजित और तैयार किए गए हैं। डॉ. अनुराग जोशी, डॉ. गजाननद वर्मा एवं डा ललित कुमार त्रिपाठी ने कई आयामों पर चर्चा की एवं बताया की यह कैसे हमें मानसिक तनाव और लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करती है।
सत्र के अंत में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने सभी उपस्थित सदस्यों को मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता रखने के लिए प्रतिज्ञा दिलाई। चर्चा सत्र में स्वागत वक्तव्य प्राध्यापिका आयुषी सोरल ने दिया, कार्यक्रम संचालन प्राध्यापिका जेनिस हाशमी का रहा। विभाग की अन्य प्राध्यापिकाएँ सोना मिश्रा एवं महिमा रामचंदनी ने कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता निभाई। विभागाध्यक्ष डॉ. शुचि चौधरी ने कार्यस्थल पर किस प्रकार संतुलन बनाए रखें पर अपने विचार प्रस्तुत किये एवं सभी उपस्थित प्राध्यापिकाओं, अधिकारी एवं छात्राओं को भागीदारी के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में तकरीबन 60 प्राध्यापिकाओं एवं 155 छात्राएँ उपस्थित रही।