कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर के मनोविज्ञान विभाग द्वारा ‘फोरेंसिक जाँच तकनीक’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. शुचि चौधरी द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। मुख्य वक्ता प्रो. कृष्ण कुमार मिश्रा ने फोरेंसिक मनोविज्ञान का परिचय दिया और बताया कि फोरेंसिक मनोविज्ञान एक ऐसी शाखा है जो कानून से संबंध रखता है। इसमें देखा जाता है कि व्यक्ति का व्यवहार किस प्रकार नियमों का उल्लंघन करता है। उस व्यवहार को समझा जाता है उन्होंने फोरेंसिक मनोविज्ञान व क्रिमिनल मनोविज्ञान में अंतर स्पष्ट किया। उसके पश्चात् उन्होंने यह बताया कि फोरेंसिक जाँच क्यूं तथा कैसे किया जाता है, तथा इस तकनीक के द्वारा सच व झूठ का पता लगाया जा सकता है साथ ही यह बताया कि यह तकनीक हमे व्यक्ति की आवाज व हाथ-पैरों के चलने के बारे में बहुत कुछ बताती है। चर्चा के बाद मुख्य वक्ता ने छात्राओं द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब दिया। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने चर्चा की सराहना करते हुए छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। अंत में प्राध्यापिका महिमा रामचंदानी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।