“डायलॉग जेननेक्स्ट 2.0 ‘‘कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय में एक जीवंत साहित्यिक आदान-प्रदान’’

डायलॉग जेननेक्स्ट 2.0 ‘‘कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय में एक जीवंत साहित्यिक आदान-प्रदान’’
‘‘कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय में समृद्ध साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के सहयोग से यंग ऑथर्स क्लब ऑफ इंडिया ने “डायलॉग जेननेक्स्ट 2.0“ का आयोजन किया। यह मंच जाने-माने इंडिया पिंकफेस्ट, एक सांस्कृतिक और साहित्यिक उत्सव द्वारा शुरू किया गया, जिसकी स्थापना श्री सत्यजीत तालुकदार ने की। यह कार्यक्रम यंग ऑथर्स क्लब ऑफ इंडिया और कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओए) का एक सफल परिणाम था। इस क्लब ने कविता, गद्य और स्पोकन वर्ड के माध्यम से युवा अभिव्यक्ति, साहित्यिक संवाद और रचनात्मक जुड़ाव के लिए एक गतिशील मंच के रूप में काम किया। कार्यक्रम की शुरुआत मॉडरेटर, सुश्री ऋषिता शर्मा द्वारा मेहमानों के परिचय और स्वागत के साथ हुई। प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं अतिथियों, संकाय सदस्यों और छात्राओं को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। अपने संबोधन में, उन्होंने सामाजिक रूप से जागरूक, संवेदनशील और स्पष्ट व्यक्तियों को आकार देने में साहित्य और संवाद की भूमिका पर जोर दिया, खासकर युवा महिला विद्वानों के बीच। सुश्री दिव्या मीना ने कार्यक्रम का एक संक्षिप्त लेकिन जानकारीपूर्ण अवलोकन प्रस्तुत किया, जिसमें डायलॉग जेननेक्स्ट 2.0 के उद्देश्यों को रेखांकित किया गया। उन्होंने बताया कि यह पहल इंटरैक्टिव साहित्यिक मंचों के माध्यम से छात्रों के बीच आलोचनात्मक सोच, सांस्कृतिक चिंतन और रचनात्मक अभिव्यक्ति को कैसे प्रोत्साहित करती है। कार्यक्रम का बौद्धिक केंद्र बिंदु जाने-माने लेखक और कवि श्री जितेंद्र सारस्वत का संबोधन था। उन्होंने एक साहित्यिक व्यवसायी के रूप में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने समकालीन समाज में लेखकों की जिम्मेदारी के बारे में बात की और छात्रों को भाषा को सच्चाई, सहानुभूति और सामाजिक परिवर्तन के साधन के रूप में उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। दूसरे वक्ता, कवि श्री अविरल अग्रवाल ने एक प्रेरणादायक संबोधन दिया, जिन्होंने युवा दर्शकों के साथ गहरा जुड़ाव महसूस किया। उन्होंने कविता को एक जीवंत अनुभव के रूप में बताया और छात्रों को व्यक्तिगत और सामाजिक वास्तविकताओं से प्रेरणा लेकर अपनी आंतरिक आवाजों को निडर होकर व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम का एक खास आकर्षण कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय की छात्राओं की सक्रिय भागीदारी थी। कई छात्राओं ने ओपन माइक पर आकर दर्शकों के साथ अपनी वास्तविक कविताएँ साझा कीं। कार्यक्रम का समापन विभागाध्यक्ष डॉ. प्रीति शर्मा और प्रोफेसर अमिता राज गोयल के औपचारिक धन्यवाद भाषण के साथ हुआ, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए वक्ताओं, आयोजकों, विभाग के सदस्यों, सहयोगी पार्टनर्स और छात्रों का दिल से आभार व्यक्त किया। अंततः डायलॉग जेननेक्स्ट 2.0 एक जीवंत और विचारोत्तोजक करने वाला साहित्यिक आयोजन साबित हुआ, जहाँ कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय की अपने छात्रों के बीच रचनात्मकता, बातचीत और बौद्धिक विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।