कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर के सेंटर फॉर जेंडर स्टडीज की ओर से दिनांक 04 सितम्बर, 2024 को ‘हमारी पहचान हमारा सम्मान’ विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. रेणुका पामेचा रही। महाविद्यालय निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेर्दी ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया। डॉ. पामेचा ने अपने उद्बोधन में छात्राओं से सती प्रिवेंशन एक्ट (1987), सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ़ विमेन एक्ट, (2013) के निमित्त बनी विशाखा गाइडलाइन के निर्माण में महाविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने भारत के संविधान की महत्ता को समझाते हुए पुरुष एवं नारी दोनों के लिए समान न्याय एवं सम्मान से जीने के अधिकार की मांग को दोहराया। सीडो एवं 1948 के अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार घोषणा पत्र में मानव होने के नाते नारी के लिए समान हक की बात की। छात्राओं को सवाल-जवाब के माध्यम से समाज एवं परिवार में समानता का दर्जा प्राप्त करने के लिए जागरूक किया। उन्होंने छात्राओं को समझाया कि लड़कियां किसी पर बोझ नहीं है, समाज को अपनी सोच बदलने की आवश्यकता है। निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी ने छात्राओं को नारी होने के नाते स्वयं की महत्ता जानने एवं स्वयं को पुरुष से हीन समझने की प्रवृत्ति त्यागने एवं सशक्त बनने पर जोर दिया साथ ही उन्होंने छात्राओं को खुश रहने के लिये प्रेरित किया। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने बताया कि व्यक्तित्व निर्माण में आंतरिक व बाह्य मानक का समान योगदान रहता है। उन्होंने इस परिचर्चा के दौरान छात्राओं की सहभागिता की सराहना की।
कार्यक्रम का संचालन सेंटर कन्वीनर डॉ. स्वीटी माथुर ने किया इस मौके पर डॉ. दमंयती सोढ़ा, डॉ. साक्षी शर्मा, पूर्वा भारद्वाज, डॉ. मीनाक्षी धारीवाल की सक्रिय भूमिका रही।