Department of Hindi

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नाम: डॉ. शीताभ शर्मा  (हिन्दी विभागाध्यक्ष, सहायक आचार्य )

शैक्षणिक योग्यता: एम.ए., एम. फिल्, पीएच.डी., नेट, सेट, (सभी पात्रता हिन्दी विषय में उत्तीर्ण) बी.जे.एम.सी., बी.एड.।

अध्यापन: अनुभव-17 वर्ष

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नाम: डॉ धर्मा यादव ( सहायक आचार्य )

शैक्षणिक योग्यता: एम ए.,एम फिल, नेट, पीएच डी (हिन्दी साहित्य), बी पी एड (शारीरिक शिक्षा), डी वाई एड (योग शिक्षा)।

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स्नातक कार्यक्रम:

बीए

स्नातक पाठ्यक्रम उपादेयता

आदिकालीन- भक्तिकालीन कविता अपनी भाषा- उप भाषाओं व मूल्यों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

  • आदिकालीन काव्य पठन से डिंगल-पिंगल व मैथिली भाषा का ज्ञान प्राप्त होता है।
  • राजभक्ति,वीरता व शृंगार के वर्णन से प्राचीन संस्कृति व परिवेश का परिचय प्राप्त होता है।
  • प्राचीन ऐतिहासिक चरितो की जानकारी प्राप्त होती है।
  • काव्य शास्त्रीय, काव्य लेखन का ज्ञान भी प्राप्त होता है।
  • भक्ति कालीन कविता में, मानवीय और नैतिक मूल्यों की शिक्षा, विद्यार्थियों को सहज ही प्राप्त हो जाती है।
  • इस कविता के पठन से भारतीय पुराण- शास्त्रों के ज्ञान व भक्ति की शिक्षा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को एक नई दिशा प्रदान करती है।
  • यह कविता क्षमाशीलता, दया, परोपकार, सहनशीलता, प्रेम, अहिंसा, सत्यनिष्ठा,निडरता,बड़ों व गुरुओं के प्रति आदर भाव जैसे गुणों के प्रति छात्रों में आस्था उत्पन्न करती है।
  • इसकी भाषा व शिल्प दोनों काव्य लेखन प्रशिक्षा में सहायक है।
  • हिन्दी की आधुनिक कविता अपने वैज्ञानिक चिंतन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
  • इस कविता के पाठन से विद्यार्थी अपने विचारों में इस चिंतन को उतार सकता है।
  • वह प्रत्येक घटना को वैज्ञानिक कसौटी पर आंक सकने की क्षमता विकसित कर सकता है।
  • आधुनिक कविता में विभिन्न दर्शन जैसे- मार्क्सवाद, अस्तित्ववाद, मनोविश्लेषणवाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद,सामंतवाद, विश्वयुद्ध विभीषिका इत्यादि को समझते हुए समाज के विकास में सहायक सिद्ध हो सकेगा।
  • इस कविता में उपस्थित तत्व, व्यष्टि से समष्टि अर्थात विश्व मानवतावाद, सामाजिक समरसता के प्रति समझ विकसित कर समाज के उत्थान में सहायक बन सकेगा।
  • इस कविता में समाज व राष्ट्र के प्रत्येक वर्ग के जीवन की झांकी उसे परिपक्व युवा और व नागरिक बनने में सहायक रहेगी।
  • विद्यार्थियों के चिंतन को नवीन आयाम देने के साथ ही, स्वयं के जीवन व समाज के प्रति उसे जागरूक बनाते हुए, चिंतन को सही दिशा प्रदान करेगी।
  • सशक्त शब्द भण्डार होने पर द्विभाषी अनुवादक, वक्ता, लेखक, प्रूफ़ रीडर का कार्य।भी कुशलता पूर्वक कर सकता है।
  • पद्य काव्य के सस्वर वाचन से उसकी हिचक कम होने लगती है तथा आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।
  • सभी के सामूहिक गायन से, उच्चारण में शुद्धता आती है तथा समूह भावना का विकास होता है, सद्भाव वृद्धि पाता है और मानसिक आनंद भी प्राप्त होता
  • विद्यार्थी, खड़ी बोली हिन्दी के शुद्ध साहित्यिक रूप का ज्ञान और लेखन में रुचि व कौशल का विकास कर सकते हैं।

 

एम ए -हिंदी साहित्य

स्नातकोत्तर कार्यक्रम उपादेयता

  • हिन्दी साहित्य में सेमेस्टर अधिस्नातक कार्यक्रम में निष्णात विद्यार्थियों का लोक भाषाओं तथा हिन्दी भाषा संबंधी ज्ञान समृद्ध होता है।
  • सेमेस्टर कार्यक्रम द्वारा विद्यार्थी, हिन्दी भाषा व साहित्य के विविध रूपों का अध्ययन बिना किसी अंतराल के निरंतर करते हैं… तो ज्ञान और अधिगम में क्रमबद्धता उन्हें अपने विषय में पारंगत बना देते हैं।
  • विविध कवि व काव्य अध्ययन से इतिहास, पुराणों के ज्ञान के साथ ही विभिन्न नवीन वादों, विचारधाराओं से जीवन चिंतन को दिशा मिलती है।
  • हास्य, वीर, शांत, शृंगार इत्यादि रसों की अनुभूति से विद्यार्थी मानसिक स्वास्थ्य को प्राप्त करते हैं;किसी भी समाज व राष्ट्र के विकास के लिए युवाओं का स्वस्थ दृष्टिकोण महत्वपूर्ण होता है।
  • विद्यार्थियों का भावात्मक,संवेदनात्मक, ज्ञानात्मक संतुलन  सुदृढ़ बनता है।
  • विद्यार्थी, अधिस्नातक के बाद हिन्दी विषय पर एकाधिकार प्राप्त कर आगे एम.फिल्., पीएच.डी., जैसी उपाधि व नेट, सेट पात्रता परीक्षाओं के लिए योग्यता प्राप्त कर व्याख्याता बन सकता है।

वह देश- विदेश में हिन्दी भाषा के माध्यम से,भाषा विज्ञानी, भाषाविद् ,अनुवादक, भारत व राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों में राजभाषा अधिकारी, द्विभाषी, सिनेमा में कथा लेखक, गीत लेखक, किन्ही भी संस्थाओं में हिन्दी प्रवक्ता, प्रूफ़ रीडर, दूरदर्शन-आकाशवाणी व अन्य चेनलों पर पर वार्ताकार, उद्घोषक, समाचार वाचक, जैसे श्रेष्ठ कार्यों को चुन सकता है।

 

  2022-23
  • 30अगस्त 2022 को सामाजिक उत्तरदायित्व गतिविधि के अंतर्गत ग्राम गोनेर में वृक्षारोपण करने हेतु हिन्दी विभाग की 31छात्रा व लोकप्रशासन विभाग 28छात्राओं (कुल 59) सहित लोक प्रशासन विभागाध्यक्ष डॉ. मनीषा माथुर, पर्यावरण विभागाध्यक्ष डॉ.नीतू महावर एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. शीताभ शर्मा ने पर्यावरणीय कार्य में सहभागिता निभाई। महाविद्यालय नर्सरी से व वन विभाग नर्सरी से पौधे प्राप्त किये गये। इसके लिए सांगानेर की खण्ड विकास अधिकारी साज़िया खान तथा गोनेर ग्राम पंचायत की सरपंच से सम्पर्क कर आवश्यक तीन स्थानों पर पौधारोपण कार्य संपन्न किया गया।
  • हिन्दी दिवस समारोह १२-१४ सितंबर२०२२हिन्दी विभाग, रचनात्मक लेखन क्लब व अभिव्यक्ति क्लब के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय (12 से 14 सितंबर 2022) ‘हिन्दी दिवस’ समारोह के अन्तर्गत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें ‘हिन्दी भाषा एवं साहित्य’ राष्ट्रस्तरीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता 2022, का ऑनलाइन आयोजन किया। ‘मेरी साहित्यिक अभिरुचि’ प्रतियोगिता छात्राओं व प्राध्यापिकाओं के लिए रही, जिसमें बड़ी संख्या में छात्राओं ने साहित्यिक रचनाओं पर अपने विचार रखे। इस प्रतियोगिता के अन्तर्गत प्राध्यापिकाओं के साथ महाविद्यालय निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी, प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल, उप-प्राचार्य (वाणिज्य) डॉ. सरला शर्मा, उप-प्राचार्य (कला) डॉ. दीप्तिमा शुक्ला ने भी बचपन से ही साहित्य अभिरुचि के बीजारोपण को आवश्यक बताते हुए अनेक पत्र-पत्रिकाओं के साथ साहित्यिक रचनाओं का उल्लेख किया और अधिकाधिक साहित्य अध्ययन हेतु छात्राओं को प्रेरित किया।   दूसरे दिन अन्तः महाविद्यालय हिन्दी काव्य-पाठ प्रतियोगिता में ‘देशभक्ति’ विषय पर छात्राओं ने काव्य-पाठ किया। 14अक्टूबर तीसरे दिन हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में अन्तर महाविद्यालय हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता, जिसका विषय ‘‘भाषा एवं लिपि के बिगड़ते स्वरूप के लिए सोशल मीडिया है उत्तरदायी’’ पर प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों से प्रतिभागियों ने विषय के पक्ष और विपक्ष में अपने विचार रखे। इस प्रतियोगिता में निर्णायक दूरदर्शन केन्द्र की कार्यक्रम अधिशाषी, सीमा विजय रहीं, तथा दूसरी निर्णायक महाविद्यालय की पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. रेखा गुप्ता रहीं। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन के साथ छात्राओं को देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता समझाई और हिन्दी भाषा और लिपि के स्वरूप को बनाये रखने की बात पर जोर दिया। हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. शीताभ शर्मा ने हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए छात्राओं को प्रेरित किया और अभिव्यक्ति क्लब संयोजक डॉ. धर्मा यादव ने छात्राओं को अधिकाधिक साहित्य अध्ययन की प्ररेणा देते हुए अपने विचार रखे। डॉ. सरला शर्मा, डॉ. दीप्तिमा शुक्ला, डॉ. रत्ना सक्सेना तथा सभी प्राध्यापिकाएं कार्यक्रम में उपस्थित रहीं। अन्तर महाविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता में महाविद्यालय की सानिया खान व नयन शिखा शेखावत प्रथम स्थान पर रहीं। महारानी कॉलेज से वर्षा शेखावत द्वितीय स्थान तथा सुरक्षा चौहान तृतीय स्थान पर रहीं। सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र दिये गये। मंच संचालन छात्रा सृष्टि शर्मा ने किया।   12अक्टूबरको  हिंदी विभाग, रचनात्मक लेखन क्लब एवं कला मंज़र सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में नलिनी फाउंडेशन के सौजन्य से अंतर महाविद्यालय लोकगीत प्रस्तुति प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। लोक संस्कृति के संवर्द्धन और युवाओं को लोक संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम किया गया। इसमें महाविद्यालय के विभिन्न संकायों से लगभग 28 छात्राओं ने सहभागिता निभाई। इस कार्यक्रम में अध्यक्ष रही श्रृंगार शिरोमणि, वरिष्ठ नृत्य गुरु अभिनेत्री उषा श्री, मुख्य अतिथि डॉ शारदा कृष्णा, वरिष्ठ साहित्यकार व राजस्थानी भाषा विशेषज्ञ, अति विशिष्ट अतिथि डॉ. रश्मि चतुर्वेदी महाविद्यालय निदेशक,  विशिष्ट अतिथि मंजू माथुर, प्रतिनिधि नलिनी फाउंडेशन, प्राचार्य डॉक्टर सीमा अग्रवाल। निर्णायक मीनाक्षी माथुर महासचिव कला मंदिर सोसाइटी तथा डॉ. सीमा सक्सेना राजस्थान संगीत संस्थान  रहे। सभी अतिथियों ने लोक संस्कृति को बढ़ावा देते हुए विचार प्रकट किए और लोक गीत भी  सुनाए। प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने आजादी से पहले का गीत प्रस्तुत करते हुए लोक गीतों का महत्व बताया और अतिथियों का स्वागत किया। कला मंज़र संस्थान की संस्थापिका मीनाक्षी माथुर ने आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. शीताभ शर्मा ने ब्रजभाषा में शारदे वंदना प्रस्तुत की और धन्यवाद ज्ञापित किया। शिक्षिका डॉ. मनीषा माथुर ने भी लोक गीत सुनाया। प्रतियोगिता में लक्षिता डांगा प्रथम स्थान पर तथा जया कृष्णा द्वितीय स्थान पर रही। दीपिका शर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया तथा दीक्षा जांगिड, गुंजन भट्ट और सृष्टि दाधीच को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। उप-प्राचार्य डॉ. सरला शर्मा (वाणिज्य), डॉ. दीप्तिमा शुक्ला (कला), डॉ. रत्ना सक्सेना, (विज्ञान) डॉ. रंजुला जैन,(कॉलेज विकास) तथा हिंदी विभाग से प्राध्यापिका डॉ. धर्मा यादव, क्लब सदस्य डॉ. पालू जोशी, प्रियंका अग्रवाल, मानवी मेहता  और आयुषी सोरल कार्यक्रम में उपस्थित रहे। मंच संचालन छात्रा सलोनी शर्मा ने किया।
  • 20जनवरी2023 को विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। विस्तार व्याख्यान का विषय "कथेतर हिंदी गद्य विधाएँ: एक परिचय" पर अजमेर राजकीय कन्या महाविद्यालय के हिन्दी विभाग में सहायक आचार्य पद पर कार्यरत डॉ अंजू ने वक्तव्य दिया। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ शीताभ शर्मा ने विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित डॉ अंजू को स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया तथा छात्राओं को हिंदी विषय के प्रति प्रति रुचि बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ.अंजू ने गद्य की विभिन्न विधाओं रेखाचित्र, संस्मरण, व्यंग,रिपोर्ताज, डायरी, जीवनी,निबंध, आत्मकथा, यात्रा वृतांत, फीचर तथा डायरी की विशेषताओं पर सविस्तार प्रकाश डाला। उन्होंने ऐनी फ्रैंक की डायरी एकलव्य के नोट्स बंगाल का अकाल आवारा मसीहा निराला की साहित्य साधना मेरे सत्य के साथ प्रयोग इत्यादि गद्दे रचनाओं की कथावस्तु बताते हुए छात्राओं को उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया। डॉ अंजू ने छात्राओं के साथ परस्पर संवाद किया और उन्हें डायरी तथा लघु कथा लेखन के लिए प्रेरित किया। इस व्याख्यान में हिन्दी की कुल 50 छात्राएँ उपस्थित रहीं तथा शिक्षिकाओं ने भी व्याख्यान का लाभ लिया। व्याख्यान संयोजक डॉ. धर्मा यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा गद्य लेखन हेतु छात्राओं को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर सह-संयोजक डॉ. कांता सोनी, शिक्षिका डॉ.नीतू महावर, प्रेरणा सिंह, डॉक्टर स्वीटी माथुर, तथा विजय लक्ष्मी गुप्ता उपस्थित रहीं।
  • 27-28फरवरी 2023 राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफल आयोजन।

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