Mental Health Checkup 2025
मेंटल हेल्थ चेकअप 2025 का आयोजन 11 सितम्बर, 2025 को कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय के सेंटर फॉर काउसलिंग एण्ड गाईडेंस द्वारा आश्रय फाउएडेषन और मेंडिंग
मेंटल हेल्थ चेकअप 2025 का आयोजन 11 सितम्बर, 2025 को कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय के सेंटर फॉर काउसलिंग एण्ड गाईडेंस द्वारा आश्रय फाउएडेषन और मेंडिंग
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का कल होगा आयोजन प्रेस नोट एवं मीडिया कवरेज हेतु आमंत्रण कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय के हिन्दी विभाग, राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी, जयपुर, कला,
फ्रेशर्स 2025-युवा ऊर्जा का संगम 10 सितम्बर, 2025 को कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय में छात्राओं के बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम फ्रेशर्स डे 2025 का आयोजन किया गया।
कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर के बीबीए विभाग द्वारो ‘‘कैट और उससे आगे के लिए समय प्रबंधन हैक्स‘‘ पर एक इंटरएक्टिव सत्र व योग्यता-आधारित प्रश्नोत्तरी
06 सितम्बर 2025 को कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय, जयपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की चारों इकाइयों द्वारा एक दिवसीय विशेष शिविर एवं ओरिएंटेशन सत्र
One-day Symposium on the theme “The Gothic in Indian English Writings and Rajasthani Literature: A Comparative Approach” भारतीय अंग्रेज़ी लेखन और राजस्थानी साहित्य में गॉथिक : एक तुलनात्मक दृष्टिकोण विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी जयपुर, 8 सितम्बर। साहित्य अकादमी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं कनोडिया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में “भारतीय अंग्रेज़ी लेखन और राजस्थानी साहित्य में गॉथिक : एक तुलनात्मक दृष्टिकोण” विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 8 सितम्बर 2025 को किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रख्यात लेखक एवं राजनयिक विकास स्वरूप के मुख्य उद्घाटन वक्तव्य द्वारा हुआ। अपने भाषण से उन्होंने गॉथिक षैली की अनुकूलता को महाद्वीपों और परम्पराओं में रेखांकित किया। अपने उपन्यास Q&A का संदर्भ देते हुये श्री स्वरूप ने गॉथिक को सामाजिक अन्यायों को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करने का सक्षत माध्यम बताया। उद्घाटन सत्र में स्वागत भाषण साहित्य अकादमी के उप सचिव डॉ. शनमुखानन्दा ने दिया। उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय मौखिक कथाओं की परम्पराऐं आज उपन्यास में रूपान्तरित हो रहीं है। प्रारंभिक वक्तव्य कनोडिया पीजी महिला महाविद्यालय की अंग्रेजी विभाग की व्याख्याता एवं सिम्पोजियम समन्वयक डॉ. प्रीति शर्मा ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता वरिष्ठ आलोचक मालाश्री लाल ने अंग्रेजी साहित्य में गॉथिक की सीमाओं पर प्रकाश डाला, विशेषकर विभत्स एवं हिंसक चित्रण पर। कनोडिया पीजी महिला महाविद्यालय की निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी ने गॉथिक के मनोवैज्ञानिक पक्षों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि भारतीय साहित्य गॉथिक की गहराईयों को समेटता है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया और सभी वक्ताओं के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की। प्रथम सत्र का विषय “सामाजिक आलोचना के रूप में गॉथिक : महिलाएँ, जाति और वर्ग” रहा जिसकी अध्यक्षता मालाश्री लाल ने की। वक्ताओं में चंद्रप्रकाश देवल ने सामाजिक परिर्वतनों के संदर्भ में गॉथिक पर अपने विचार रखे। राजस्थानी लोककथाओं से उन्होंने ‘भूत रो कटोरो’ का उल्लेख किया जिसमें स्त्रियों की सांस्कृतिक भूमिका को रेखांकित किया। रीमा हूजा ने गॉथिक की ऐतिहासिक पृष्ठभूमियों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा राजस्थान के विषाल मरूस्थल जैसे दृष्य पारम्परिक लोककथाओं में गॉथिक के दिव्य स्वरूप को और प्रबल बना देते है। निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि भाषा मानव की परिधि से परे जीवन्त अनुभव को व्यक्त करने में सीमित है।
कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर के इंस्टीट्यूशन्स् इनोवेशन काउंसिल एवं सेंड ड्यून्स अकेडमी के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 30 अगस्त 2025 को ‘डिजाइन थिकिंगः ए
कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय, जयपुर में इंस्टीट्यूशन्स इनोवेशन काउंसिल के तत्वावधान में दिनांक 30 अगस्त 2025 को “बिज़नेस आइडिया प्रतियोगिता” का सफल आयोजन किया गया।
कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) एवं राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय (28 से