कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय, जयपुर के चित्रकला विभाग के द्वारा ‘अनलोकिंग करियर ओपरच्चूनिटी इन ड्राइंग एंड पेंटिंगः टर्निंग पेशन इन टू प्रोफेशन’ विषय पर दिनांक 12 सितंबर, 2025 पर परस्पर संवाद सत्र का आयोजन किया गया। सत्र की वक्ता चित्रकला विभाग की पूर्व छात्रा एवं एम.ए.जी.एस.ए गैलरी की निदेशक वसुधा शर्मा रही। उन्होंने बताया कि कला केवल अभिव्यक्ति का साधन ही नहीं है, अपितु आज के समय में यह एक उभरता हुआ करियर विकल्प बन चुका है। विद्यार्थी अपने रचनात्मक, दृष्टिकोण, कल्पनाशक्ति एवं रंगों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाकर न केवल अपनी प्रतिभा को निखार सकते है, अपितु वह ड्राइंग एवं पेटिंग में अपना व्यवसाय भी स्थापित कर सकते है। उन्होंने कहा आज आर्ट टीचिंग, ग्राफिक डिजाइन, आर्ट थैरपी, आर्ट इलस्ट्रेशन, इंटीरियर डिजाइन, एनिमेशन, प्रोडक्ट डिजाइन, वास्तुकार, फ्रीलांस पेटिंग, पोट्रेट कलाकार, आर्ट गैलरी मैनेजमेन्ट आदि जैसे क्षेत्रों में न सिर्फ हमारे देश में अपितु विदेशों में भी असीम संभावनाएँ मौजूद है। इस क्षेत्र आगे बढने के लिए विद्यार्थियों को अपनी पूर्ण क्षमता को विकसित करना होगा, जिसके लिए उन्हें सैदव अपनी प्रतिभा को समय के बदलते प्रारूपों के अनुरूप परिवर्तित करते रहना चाहिए। समाज के नवीन उपक्रमों जैसे इंटरनेट, फेसबुक, इंस्टाग्राम, कैनवा, कला संस्थाओं एवं कला आयोजनों से जुडकर उनकी तकनीक एवं बाजारीकरण की बारीकियों को समझकर स्वयं के कला कौशल एवं आत्म विकास को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने समझाया कि इस कला यात्रा के दौरान अनेक संघर्षों से गुजरना पडे़गा, लेकिन अपने परिश्रम एवं लगन के द्वारा लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। कला निर्मिती के समय कलाकार को प्रमाणिकता, पारदर्शिता कॉपीराइट तथा स्वामित्व और नैतिक विचारशीलता का पालन करते हुये सांस्कृतिक संवेदशीलता का भी ध्यान रखना चाहिए। इस सत्र में विभाग की 56 छात्राओं की उपस्थित रही। मंच संचालन विभाग छात्राओं पूर्वा शर्मा (बी.ए. पांचवे सेमेस्टर) व गितिशा कंवर (एम.ए. प्रथम सेमेस्टर) के द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रतिभा शर्मा (बी.ए पांचवे सेमेस्टर) की छात्रा ने किया। सत्र का सफल संचालन विभागाध्यक्ष डॉ. सारिका कौल के सानिध्य सम्पन्न हुआ। सत्र में सहायक आचार्य डॉ. मनीषा खींची, प्रीति कौशल एवं रितिका कुमारी, सहायक मुकेश कुमार एवं कमल कुमार की सक्रिय भूमिका रही।
