Design Thinking: A Step Towards Innovation

कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर के इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल एवं प्रतिमा चेरीटेबल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 17 अगस्त 2025 को ‘डिजाइन थिकिंगः ए स्टेप टूवर्ड्स इनोवेशन’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार की वक्ता डॉ. विष्णु प्रिया टेमाणी, सहायक आचार्य, डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स एवं इनोवेशन एम्बेस्डर, आईआईसी, कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय रही। कार्यक्रम की शुरूआत आइस-ब्रेकिंग सत्र से हुई जिसमें कहानी के माध्यम से प्रतिभागियों को डिजाइन थिकिंग के पाँच चरणों (संवेदना, परिभाषा, विचार, प्रतिकृति एवं जाँच) को समझाते हुये बताया गया कि डिजाइन थिकिंग एक मानव केंद्रित ऐसी समस्या-समाधान प्रक्रिया है, जिसमें हम समाज की समस्याओं की समानुभूति करते हुये उनका व्याहारिक एवं रचनात्मक समाधान खोजते है। वेबिनार में लगभग 90 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसमें कॉलेज छात्राएँ, शिक्षाविद्, चिकित्सक एवं विभिन्न क्षेत्रों के विद्ववान शामिल रहें। डॉ. पंकज श्रीवास्तव, प्रेसिडेंट, प्रतिमा चेरीटेबल फाउंडेशन ने प्रतिभागियों को डिजाइन थिकिंग का उपयोग करते हुए नवाचार के लिए प्रेरित किया। डॉ. सीमा अग्रवाल, प्राचार्य, कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर ने संदेश दिया कि छोटा सा विचार भी बड़ा बदलाव ला सकता है। डॉ. रीमा श्रीवास्तव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। अंत में यह संदेश दिया गया कि डिजाइन थिकिंग एक प्रक्रिया ही नहीं बल्कि नवाचार की सोच है। प्रेरक शब्द दिल से सोचो, दुनिया बदलो के साथ वेबिनार का समापन हुआ।