कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय, जयपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) ईकाइयों एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 31 मई 2025 को प्लास्टिक कचरा संग्रहण अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान के तहत 155 किलो से भी ज्यादा प्लास्टिक कचरा एकत्रित कर बिसलेरी इंडिया लिमिटेड को पुनर्नवीनीवरण एवं पुनचक्रण के लिए दिया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज को यह संदेश देना था कि “यूज्ड प्लास्टिक कचरा नहीं है, यह पुनः उपयोग योग्य है।“ इस पहल से यह स्पष्ट किया गया कि प्लास्टिक कचरे को सही तरीके से पुनर्नवीनीकरण किया जाए तो यह पर्यावरण के लिए हानिकारक होने के बजाय उपयोगी बन सकता है। महाविद्यालय की छात्राआें एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया गया कि वे अपने घरों से उपयोग की हुई प्लास्टिक की बोतलें और अन्य प्लास्टिक सामग्री इस अभियान में जमा करें। स्वयंसेविकाओं ने पोस्टर और स्लोगन के माध्यम से प्लास्टिक के पुनर्चक्रण के महत्व को समझाया। “यूज्ड प्लास्टिक को कचरे में न फेंके, उसे पुनः उपयोग में लाएं” जैसे नारे लगाए गए। एकत्रित प्लास्टिक सामग्री को अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया ताकि इसे सही तरीके से पुनर्नवीनीकरण के लिए भेजा जा सके।
इस अभियान में छात्राओं और शिक्षिकाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया साथ ही स्वयंसेविकाओं हिमांशी भगवती, ज्योति जोरार, जयश्री शर्मा एवं कोमल कछावाहा ने प्लास्टिक कचरा संग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बड़ी मात्रा में प्लास्टिक बोतलें, पॉलिथीन और अन्य प्लास्टिक सामग्री एकत्र की गई। इन सामग्रियों को आगे पुनर्चक्रण केंद्र भेजने की व्यवस्था की गई। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने बताया इस अभियान ने छात्राओं और कर्मचारियों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व से जोड़ा और प्लास्टिक कचरे के पुनर्चक्रण की प्रक्रिया के प्रति जागरूक किया। उप-प्राचार्य डॉ. सुनीता माथुर ने छात्राओं को इस अभियान के लिये प्रोत्साहित किया एवं अभियान की सराहना की। राष्ट्रीय सेवा योजना की इस पहल से न केवल प्लास्टिक कचरा कम हुआ, बल्कि पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम भी उठाया गया। महाविद्यालय की यह पहल अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और पर्यावरण संरक्षण में सहायक सिद्ध होगी। इस अभियान में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आंचल पुरी, डॉ. विजय लक्ष्मी गुप्ता ,डॉ. रेणु शक्तावत, महिमा रामचंदानी एवं चारुल शर्मा की सक्रिय भूमिका रही ।

