सोमवार, 8 मई, 2023 को इंटरनेशनल एनजीओ, वर्ल्ड एनीमल प्रोटेक्शन एवं कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय में एक वन्यजीव जागरुकता अभियान का आयोजन किया गया, जिसका विषय ’जयपुर-आमेर में हाथियों पर हो रही क्रूरता के प्रति जागरुकता’ था। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में, वर्ल्ड एनीमल प्रोटक्शन एनजीओ में वन्य जीव अभियान प्रबन्धक डॉ. अमु्रता बधेका रहीं, जिन्होंने वन्यजीवों के महत्व को समझाते हुए उनकी सुरक्षा के प्रति छात्राओं को जागरूक किया एवं बताया कि सम्पूर्ण भारतवर्ष में करीब 2,675 हाथियों को उनके अपने घर ’जंगल’ से दूर कर अन्य स्थानों पर बंधक के रूप में रखा जाता है, कई पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को उनकी सवारी करवायी जाती है। हाथियों को प्रशिक्षित करने के लिए एवं उनपर पर्यटकों को बैठाकर सवारी कराने के समय नुकीले लोहे के हथियार ’अंकुश’ चुभोकर पीड़ित किया जाता है। जयपुर में हाथियों को आसाम से लाया जाता है। जयपुर, राजस्थान की जलवायु में आसाम से अत्यधिक भिन्न एवं प्रतिकूल होने के कारण भी हाथियों को शारीरिक पीड़ा सहन करनी पड़ती है। हाथी एक वन्यजीव है, इस कारण जयपुर-आमेर में हाथियों की सवारी पर लोक लगाई जानी चाहिए।
कई जंगली जानवरों को उनको प्राकृतिक परिवेश से दूर ले जाकर प्रतिकूल वातावरण में उन्हें चिड़ियाघरों, एनिमल शोज़ पिंजरों में बंधक बनाकर, चेन से बंाधकर, तंग एवं अपर्याप्त स्थान एवं प्रतिकूल परिस्थितियों में रखकर अप्राकृतिक व्यवहार व क्रूर विधियों से प्रशिक्षित कर उनका उपयोग पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के मनोरंजन एवं सवारी के लिए किया जाता है, जो इन बेजु़बान जानवरों के लिए शारीरिक एवं मानसिक शोषण है।
कार्यक्रम में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने भी छात्राओं को प्रकृति एवं वन्यजीव संरक्षण का महत्व बताते हुए इनके संरक्षण के लिए प्रेरित किया।