Brajbhasha Seminar 27-28 Feb.2023

कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय के हिन्दी विभाग, राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी, जयपुर, कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, राजस्थान सरकार, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय (27-28 फरवरी, 2023) राष्ट्रीय संगोष्ठी में आज ‘श्रीकृष्ण के न्यायिक एवं राजनीतिक विमर्श’ विषयक सत्र में अध्यक्ष श्री मनोज कुमार शर्मा (आई.ए.एस), साहित्यकार, जयपुर, मुख्य वक्ता डॉ. सुरेश कुमार मिश्र, हिंदी विभाग, मथुरा स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बलिया, उत्तरप्रदेश से उपस्थित रहे। विषय विशेषज्ञ, प्रो. हर्षबाला शर्मा, हिंदी विभाग, इंद्रप्रस्थ महाविद्यालय, दिल्ली से ऑनलाइन माध्यम से जुड़ी। डॉ. हर्षबाला शर्मा ने अपने उद्बोधन की शुरूआत लोकगीत के साथ की तथा उन्होंने कृष्ण के लोक कल्याणकारी व्यक्तित्व पर अपने विचार रखे। डॉ. सुरेश कुमार मिश्र ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गीता की प्रासंगिकता बताई। श्री मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि गीता जीवन का आधार है। सत, रज, तम के अनुरूप हर व्यक्ति स्वयं का निर्माता स्वयं है।
‘श्रीकृष्ण के प्रबंधकीय एवं पर्यावरणीय विमर्श’ चतुर्थ सत्र में अध्यक्ष प्रो. उमेश होलानी, अधिष्ठाता, मैनेजमेंट स्कूल, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, विषय विशेषज्ञ प्रो. अशोक शर्मा पूर्व अध्यक्ष, व्यावसायिक प्रबंधन विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, वक्ता के रूप में डॉ. सरला शर्मा उप्र-प्राचार्य (वाणिज्य) कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय, जयपुर उपस्थित रहे।  
डॉ सरला शर्मा ने अपने वक्तव्य में कृष्ण के विभिन्न स्वरूपों का उल्लेख करते हुए, कृष्ण की प्रबंधकीय नीति के बारे में विचार प्रस्तुत किए। प्रो. अशोक शर्मा जी ने श्री कृष्ण से प्रेरित योग साधना केंद्र की चर्चा की। महाभारत में अर्जुन को दिए गए गीता सार का संदर्भ देते हुए कृष्ण की मार्गदर्शक नीति तथा योगस्थ बुद्धि के महत्व को बताया।
सत्र अध्यक्ष प्रो. उमेश होलानी जी ने प्रबंध के संदर्भ में श्रीकृष्ण की चर्चा करते हुए प्रबंध विज्ञान में विचार प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि स्वयं प्रबंधन कैसे करें। दोनों सत्रों में श्रीकृष्ण के विविध पक्षों पर पत्र-वाचन किए गये। जिनमें से श्रेष्ठ दो पत्र वाचकों को ग्यारह सौ रुपये नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ब्रजभाषा काव्य साँझ विषयक समापन सत्र की अध्यक्षता डॉ. हुकम चंद गणेशिया, प्रसिद्ध कानूनविद एवं कुलाधिपति, विश्व हिंदी साहित्य परिषद, दिल्ली ने की। प्रमुख पाहुने के रूप में श्री सूरजभान जैमन, (आई.ए.एस) उपकुलपति, ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय, जयपुर तथा विशेष पाहुने के रूप में श्री राजनारायण शर्मा, (आर.ए.एस), साहित्यकार एवं सलाहकार, राजस्थान विरासत संग्रहालय, पुरातन विभाग, जयपुर तथा सारस्वत पाहुने के रूप में डॉ बनय सिंह, सह आचार्य, हिंदी विभाग, राजकीय महाविद्यालय, सांगानेर, प्रदेश मंत्री रूक्टा, राज्य समन्वयक- राजीव गांधी स्टडी सर्किल, राजस्थान मौजूद रहे। संगोष्ठी की प्रतिवेदन प्रस्तुति डॉ. मनीषा माथुर, विभागाध्यक्ष, लोकप्रशासन विभाग, कानोड़िया कॉलेज द्वारा दी गई। समापन सत्र में ब्रजभाषा काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसका शुभारम्भ डॉ. शीताभ शर्मा ने सरस्वती वंदना से किया। मंच संचालन श्री विट्ठल पारीक ने किया। देश के विभिन्न भागों से पधारे कविगण श्री भूपेन्द्र ‘भरतपुरी’, श्री श्याम सुन्दर ‘अकिंचन’, श्री वरुण चतुर्वेदी, श्री सुरेन्द्र सार्थक, डॉ. सुशीला ‘शील’, श्री राधाकृष्ण सैनी, श्री गिरीश जोशी और श्री सुनील पाराशर ने होली के संदर्भ में कृष्ण राधा पर केंद्रित रस भरे गीत और छन्द प्रस्तुत कर परिवेश को भाव-विभोर कर दिया। इस आयोजन में महाविद्यालय निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी, प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल, राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी सचिव श्री गोपाल गुप्ता सहित बड़ी संख्या में श्रोताओं ने काव्य गोष्ठी का आनंद लिया। अंत में संगोष्ठी संयोजक डॉ. शीताभ शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।