14-10-2024 10 -Day Workshop (“The Personal is Political” )

लैंगिक असमानता के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने हेतु कार्यशाला
14 अक्टूबर, 2024 को कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय में “पर्सनल इज़ पॉलिटिकल” विषय पर 10 दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लैंगिक असमानता के प्रति छात्राओं मे संवेदनशीलता बढ़ाना था। इसमें विभिन्न संकायों की 100 पंजीकृत छात्राओं को शामिल किया गया। यह कार्यक्रम समाज में व्यक्तिगत मुद्दों और उनकी राजनीतिक महत्ता पर ध्यान केंद्रित करना एवं समझाना कि व्यक्तिगत मुद्दे और अनुभव कैसे व्यापक राजनीतिक संदर्भों से जुड़े होते हैं। यह उन्हें सामाजिक न्याय, समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जागरूक करेगा। कार्यशाला में विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे, जो  विभिन्न मुद्दों पर चर्चा, समूह चर्चा और संवाद सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें छात्राएँ अपने विचारों को साझा कर सकेंगी। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा  अग्रवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का आयोजन न केवल महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए है, बल्कि यह उन्हें अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित भी करेगा। यह अत्यंत नवप्रवर्तनशील कार्यक्रम है, जो सामाजिक कार्यकर्ता, अरुणा रॉय की सोच से प्रेरित होकर विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को जागरूक करने के लिए तैयार किया गया है। व्यवहारिक ज्ञान का महत्व हमारे जीवन में अत्यधिक महत्वपूर्ण उन्होंने बताया कि हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों की पहचान करनी चाहिए और किस तरह से अपने जीवन और समाज को बेहतर बना सकते हैं। कार्यक्रम मे अतिथि डॉ. रेणुका पामेचा (महिला अधिकार कार्यकर्ता) ने कार्यशाला का संदर्भ स्थापित किया और कहा कैसे व्यक्तिगत अनुभवों को राजनीतिक पहचान दी जा सकती है। उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि सामाजिक मुद्दे हमारे व्यक्तिगत जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं। सुश्री ममता जेटली (महिला अधिकार कार्यकर्ता) ने कार्यशाला की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और समाज में उनके स्थान को मजबूत करने में मदद करते हैं। महाविद्यालय निदेशक डॉ. रश्मी चतुर्वेदी ने विशेष संबोधन मे कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं है, बल्कि समाज में बदलाव लाना भी है और कहा कि जीवन में तीन महत्वपूर्ण बिंदु होते हैं। जब ये तीनों बिंदु मिलते हैं, तब जिंदगी का संपूर्ण रूप बनता है। हमें यह विचार करना चाहिए कि क्या हम जीवन में खुश हैं या नहीं। यदि नहीं, तो हमें यह देखना होगा कि हम क्या बदलाव कर सकते हैं। उन्होंने युवतियों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने की प्रेरणा दी। मंच संचालन डॉ. प्रीति शर्मा द्वारा किया गया। उप-प्राचार्य डॉ. मनीषा माथुर (स्टूडेंट एक्टिविटीज) एवं अन्य प्राध्यापिकाएँ उपस्थित रही। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मोहिता चतुर्वेदी द्वारा किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना, खुद को पहचाना एवं  समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है। चयनित छात्राओ को कार्यशाला के दौरान सक्रिय रूप से भाग लेने और चर्चा में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। कार्यशाला में प्रतिभागी छात्राओं को प्रमाण-पत्र भी दिये जायेंगे।


Workshop to Raise Awareness about Gender Inequality

On October 14, 2024, a 10-day workshop titled “The Personal is Political” was inaugurated at Kanoria P G Mahila Mahavidyalaya  The objective of this workshop is to increase sensitivity towards gender inequalities by raising awareness about women’s rights and social issues. It will involve 100 registered students from various streams. The workshop will focus on personal issues and their political significance, explaining how personal experiences are linked to broader political contexts. This will help students become aware of social justice, equality, and democratic values. The workshop will feature lectures by various experts, discussions, group discussions, and dialogue sessions, allowing students to share their thoughts. The selected 100 students will be encouraged to actively participate and contribute to discussions throughout the workshop. At the beginning of the program, Dr. Seema Agarwal, the college principal, welcomed all guests. She emphasized that this workshop aims not only to promote women’s rights but also to inspire them to raise their voices. She described it as an innovative program inspired by ssocial activist Aruna Roy, specifically designed to raise awareness among women and youth. In her address, she highlighted the importance of practical knowledge in our lives, urging students to recognize their rights and duties and to consider how they can improve their lives and society. Guest speaker Dr. Renuka Pamecha, a women’s rights activist, established the context and explained how personal experiences can gain political recognition. Through examples, she illustrated how social issues affect our personal lives. Ms. Mamta Jetly, a women’s rights activist, emphasized the relevance of the workshop, stating that such programs help women become aware of their rights and strengthen their position in society. In a special address, Dr. Rashmi Chaturvedi, the college director, stated that the purpose of education is not only to impart knowledge but also to bring about social change. She mentioned three critical aspects of life, asserting that when these converge, it forms the essence of our lives. She urged young women to consider their happiness and the changes they can make if they are not content. The program was conducted by Dr. Preeti Sharma. At the end of the event, Dr. Mohita Chaturvedi delivered the vote of thanks. The workshop’s goal is to empower women, raise awareness about their rights, help them recognize themselves, and bring about positive change in society.