एच.आई.वी./एड्स विषय पर एक दिवसीय पीयर एजुकेटर प्रशिक्षण सत्र का आयोजन

कानोड़िया पी.जी. महिला महाविद्यालय, जयपुर में दिनांक 10 जुलाई 2025 को एच.आई.वी./एड्स विषय पर एक दिवसीय पीयर एजुकेटर प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। यह आयोजन रेड रिबन क्लब एवं राजस्थान राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को एच.आई.वी./एड्स से संबंधित वैज्ञानिक तथ्यों, व्यवहारिक पहलुओं एवं सामाजिक मिथकों के बारे में जागरूक करना और उन्हें एक पीयर एजुकेटर के रूप में प्रशिक्षित करना रहा, ताकि वे अपने साथियों को भी सही जानकारी देकर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं वक्ता श्रीमती गरिमा भाटी, सहायक निदेशक (युवा मामले), चिकित्सा निदेशालय, रहीं। उन्होंने यौन स्वास्थ्य, सुरक्षित यौन व्यवहार, संक्रमण के कारण, लक्षण, रोकथाम एवं समय पर जांच की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा एच.आई.वी./एड्स से जुड़ी भ्रांतियाँ केवल वैज्ञानिक समझ, संवाद एवं समुचित जानकारी से ही दूर की जा सकती हैं। छात्राओं को पीयर एजुकेटर के रूप में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि युवा अपने समकक्ष साथियों के बीच संवाद स्थापित कर समाज में बदलाव का वाहक बन सकते हैं। उन्होंने एच.आई.वी. की रोकथाम, परामर्श सेवाएँ, टेस्टिंग केंद्रों और हेल्पलाइन 1097 की जानकारी भी साझा की। सेक्स एजुकेशन, लिव-इन रिलेशनशिप और एलजीबीटीक्यू समुदाय के बारे में भी जानकारी दी गई। इस अवसर पर राजस्थान नेटवर्क फॉर पीपल लिविंग विथ एचआईवी/एड्स के पूर्व अध्यक्ष श्री बृजेश दुबे ने अपनी निजी अनुभव साझा करते हुए कहा एच.आई.वी. पॉजिटिव होने पर व्यक्ति किन मानसिक, सामाजिक और शारीरिक दौर से गुजरता है, यह केवल वही समझ सकता है। यह न केवल कानून बल्कि मानवता के भी खिलाफ है कि ऐसे लोगों से भेदभाव किया जाए। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा शिक्षण संस्थान न केवल ज्ञान अर्जन के केंद्र हैं, बल्कि सामाजिक चेतना और उत्तरदायित्व निर्माण के भी सशक्त माध्यम हैं। महाविद्यालय उप-प्राचार्य डॉ. सुनीता माथुर, डॉ. मनीषा माथुर एवं डॉ. रंजना अग्रवाल सहित महाविद्यालय की प्राध्यापिकाएँ उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन रेड रिबन क्लब संयोजिका डॉ. आंचल पुरी ने किया। कार्यक्रम मे 100 छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया साथ ही छात्राओं ने विषय से जुड़ी अनेक जिज्ञासाएँ प्रस्तुत कीं, जिनका समाधान विशेषज्ञों ने सरल भाषा और वैज्ञानिक तथ्यों के माध्यम से किया। कार्यक्रम में डॉ. आंचल पुरी, डॉ. विजय लक्ष्मी गुप्ता, डॉ.रेणु शक्तावत, महिमा रामचंदानी एवं चारुल शर्मा की भूमिका रही।