राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से दिनांक 10 दिसंबर, 2024 को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर “मैनुअल स्कैवेंजिंग” विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया।

कानोड़िया पीजी महिला  महाविद्यालय, जयपुर के राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से दिनांक 10 दिसंबर, 2024 को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर “मैनुअल स्कैवेंजिंग“ विषय पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। इस विषय पर परिचर्चा हेतु विशिष्ट वक्ताओं के रूप मे, भँवर मेघवंशी, अध्यक्ष, पीयूसीएल, राजस्थान, पवन नकवाल, परामर्शदाता, सफाई कर्मचारी आंदोलन एवं एडवोकेट अखिल चौधरी, राजस्थान उच्च न्यायालय, सम्मिलित हुए। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ सीमा अग्रवाल ने स्वागत अभिभाषण में काम के प्रति सम्मान का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सभी सफाई कर्मियों को सरकार की तरफ़ से निःशुल्क पीपीई किट और आवश्यक साजो समान मुहैया कराए जाने चाहिये, उन्होंने कहा कि हम सभी को सफाई कर्मियों के प्रति संवेदनशीलता का भाव विकसित करना चाहिये। भँवर मेघवंशी ने अपने उद्बोधन में मल ढोने वाले कर्मियों की व्यथा को रेखांकित करते हुए कहा कि वे सर्वप्रथम तो मानव होने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस कुप्रथा के कारण तक़रीबन 8000 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है, और यह संख्या आतंकी हमलों में मारे गए लोगों की संख्या से अधिक है। उन्होंने कहा कि इस प्रथा को बदलने के लिए सोच बदलने की जरूरत है। पवन नकवाल, ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमारे समाज मे अनेक जातियों को हेय दृष्टि से देखा जाता है। यही कारण है कि गुपचुप तरीके से छुआछूत आज भी जारी है, उन्होंने कहा कि भेदभाव रोधी कानूनों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए समाज की विचारधारा तथा मानसिकता बदलना बहुत आवश्यक है। एडवोकेट अखिल चौधरी ने मल ढोने की प्रथ को समाप्त करने के लिए बनाए गए कानूनों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि समानता प्राकृतिक है, जबकि भेदभाव अप्राकृतिक है। उन्होंने सफ़ाई कर्मियों के कार्य में यंत्रीकरण और ए आई के प्रयोग पर बल देने की बात कही कार्यक्रम के अंतिम चरण में, विभाग द्वारा संयुक्त राष्ट्र दिवस पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में विजयी छात्राओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।  धन्यवाद ज्ञापन, डॉ. प्रेरणा सिंह लवानिया द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उप-प्राचार्य डॉ. मनीषा माथुर सहित विभाग की डॉ. पालू जोशी, डॉ. निमिषा गौड़, पूर्वा भारद्वाज, डॉ. संजू शर्मा एवं 100 छात्राओं और 15 शिक्षिकाओं ने भाग लिया।