Two Days National Seminar on Quality Improvement in the Disciplines of Arts and Legal Studies through Outcome Based Education (1st – 2nd February, 2023)

आउटकम बेस्ड एजुकेशन विषय पर हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी
1 फरवरी 2023 को कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय में दो दिवसीय (1- 2फरवरी ,2023 ) ‘क्वालिटी इंप्रूवमेंट इन द डिसिप्लिन ऑफ आर्ट एंड लीगल स्टडीज थू्र आउटकम बेस्ड एजुकेशन’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र में प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने संगोष्ठी के विषय को प्रासंगिक बताते हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। संगोष्ठी संयोजक डॉ. दीप्तिमा शुक्ला ने विषय की रूपरेखा प्रस्तुत की और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में जानकारी देते हुए, आउटकम बेस्ड एजुकेशन को वर्तमान संदर्भ में जरूरी बताया। मुख्य वक्ता, निदेशक स्कूल ऑफ एजुकेशन, इग्नू, दिल्ली से प्रोफेसर सीबी शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि आउटकम बेस्ड एजुकेशन का निर्धारण शिक्षक व विद्यार्थी द्वारा ही किया जाना चाहिए, राष्ट्र या राजनेता इसका निर्धारण नहीं कर सकते। मुख्य अतिथि, एनईआईपीए, दिल्ली से प्रोफेसर कुमार सुरेश, ने भी विषय पर अपने विचार रखे। महाविद्यालय निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य में आउटकम बेस्ड एजुकेशन को जीपीएस की तरह बताया, जो विद्यार्थी का मार्गदर्शन करते हुए उसे मंजिल तक ले जाता है। उद्घाटन सत्र के अंत में पंचवर्षीय विधि महाविद्यालय, राजस्थान विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. अखिल कुमार ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। संगोष्ठी के प्रथम दिन दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया है, जिनमें प्रोफेसर कल्पना पुरोहित, जय नारायण विश्वविद्यालय जोधपुर से, प्रोफेसर अमृता सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय, डॉ. मोना सेदवाल एनईआईपीए, दिल्ली, डॉ. संजुला थानवी डीन डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय, जयपुर। प्रोफेसर के एल शर्मा पूर्व कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय, प्रोफेसर भवानी शंकर शर्मा पूर्व विभागाध्यक्ष एवं डीन फाइन आर्ट्स वनस्थली विद्यापीठ, प्रोफेसर रवि रंजन दिल्ली विश्वविद्यालय, डॉ. रेखा भटनागर प्रबंध समिति सदस्य, कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय, अभिषेक तिवारी, विधि विश्वविद्यालय लखनऊ से इन सभी विद्वानों ने दोनों सत्रों में उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षण वातावरण, पाठ्यक्रम तथा मूल्यांकन आधारित शिक्षा आदि पर अपने विचार रखते हुए परिणाम आधारित शिक्षा को प्राथमिकता दी और नई शिक्षा नीति की समस्याओं और संभावनाओं पर प्रकाश डाला। इस आयोजन में प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों से पत्र वाचक और प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।