The Textuality of Sexuality

कानोड़िया पी. जी. महिला महाविद्यालय, जयपुर केे समाजशास्त्र विभाग व लोकप्रशासन विभाग द्वारा तीन दिवसीय (21-23 सितंबर, 2023) ‘द टेक्सटुअलिटी ऑफ सेक्सुअलिटी’ विषय पर परिचर्चा व अभिव्यक्ति का आयोजन किया गया। परिचर्चा में महाविद्यालय निदेशक, डॉ. रश्मि चतुर्वेदी, प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल, मुख्य वक्ता प्रो. आशा कौशिक व डॉ. सुजाता ने अपने विचार व्यक्त किये। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन किया। सहायक आचार्य, डॉ. स्वीटी माथुर ने भारत में यौनिकता की यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। प्रो. कौशिक ने क्वीर सिद्धांत, पितृसत्तात्मक समाज, मी टू आंदोलन, विशाखा गाइडलाइन व फूको पर ध्यान केन्द्रित किया व जागरूकता पर ज़ोर दिया। डॉ. सुजाता ने परिचर्चा की शुरूआत रघुवीर सहाय की कविता के साथ की। उन्होंने देह को व सेक्सुअलिटी को एक माना, पितृसतात्मकता को मानक माना व फ्रायड व लेबरेडो को भी केन्द्रित किया। निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी ने उपर्युक्त विषय पर छात्राओं को जागरूक किया व कार्यक्रम की सराहना की। परिचर्चा में उप-प्राचार्य (वाणिज्य) डॉ. सुनीता माथुर, उप-प्राचार्य (महाविद्यालय विकास) डॉ. रंजुला जैन, उप-प्राचार्य (कला) डॉ. मनीषा माथुर एवं उप-प्राचार्य (विज्ञान) डॉ. रंजना अग्रवाल उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में 150 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया। विभागाध्यक्ष डॉ. मोहिता चतुर्वेदी ने कार्यक्रम का संचालन किया।

Textuality of Sexuality Day 2

कानोड़िया पी. जी. महिला महाविद्यालय, जयपुर केे समाजशास्त्र विभाग व लोकप्रशासन विभाग द्वारा तीन दिवसीय (21-23 सितंबर, 2023) ‘द टेक्सटुअलिटी ऑफ सेक्सुअलिटी’ विषय पर परिचर्चा व अभिव्यक्ति के दूसरे दिन मुख्य वक्ता एडवोकेट श्वेता पारीक ने अपने विचार व्यक्त किये। एडवोकेट श्वेता पारीक ने एलजीबीटीक्यू को परिभाषित किया साथ ही उन्होंने बताया कि थर्ड जेंडर को मुख्यधारा का हिस्सा बनाने की जरूरत है उन्होंने मौलिक अधिकार व मैकाले को भी केन्द्रित किया, जोर देते हुये कहा कि समाज को उन्हें स्वीकार करने की जरूरत है। डॉ. अमीथी जसरोटीया ने अपने वक्तव्य में सेक्स, जेंडर व सेक्सुअलिटी पर विस्तार से चर्चा की। इस मौके पर पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने परिचर्चा की सराहना की। कार्यक्रम में उप-प्राचार्य (वाणिज्य) डॉ. सुनीता माथुर, उप-प्राचार्य (महाविद्यालय विकास) डॉ. रंजुला जैन, उप-प्राचार्य (कला) डॉ. मनीषा माथुर एवं उप-प्राचार्य (विज्ञान) डॉ. रंजना अग्रवाल, प्राध्यपिका डॉ. मोहिता चतुर्वेदी शर्मा, डॉ. स्वीटी माथुर व अन्य प्राध्यापिकाएँ भी उपस्थित रहीं । कार्यक्रम में 150 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया।

The Textuality of Sexuality Day 3

कानोड़िया पी. जी. महिला महाविद्यालय, जयपुर केे समाजशास्त्र विभाग व लोकप्रशासन विभाग द्वारा तीन दिवसीय (21-23 सितंबर, 2023) परिचर्चा का दिनांक 23.09.2023 का समापन हुआ। इस अवसर पर पहले सत्र में महाविद्यालय निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी ने समस्त स्टॉफ को  संबोधित करते हुये ‘द टेक्सटुअलिटी ऑफ सेक्सुअलिटी’ पर विचार व्यक्त किये। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने तीन दिवसीय कार्यक्रम की सराहना की। इस मौके पर महाविद्यालय की समस्त शिक्षिकाएँ उपस्थित रहीं। दूसरे सत्र में विभाग द्वारा छात्राओं को मिर्च मसाला (1985) मूवी दिखाकर उपर्युक्त विषय पर छात्राओं से संवाद किया गया। परिचर्चा के पहले दिन छात्राओं द्वारा नाटक के माध्यम से इस विषय को समझाया गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसकी निर्णायक उप-प्राचार्य (कला) डॉ. मनीषा माथुर व डॉ. अमीथी जसरोटीया रही। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रोशना काफले, द्वितीय स्थान पर पूर्वा शर्मा, तृतीय स्थान पर तनजीन व सांत्वना पुरस्कार पूर्वा चौधरी को दिया गया। कार्यक्रम में 150 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया।